आवर्ती गति किसे कहते है ?
आवर्ती गति को भौतिकी में एक ऐसी गति के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें वस्तु एक निश्चित समय अंतराल के बाद अपनी प्रारंभिक स्थिति में वापस आ जाती है। दूसरे शब्दों में, वस्तु एक निश्चित समय अंतराल के बाद अपनी गति, दिशा और स्थिति को दोहराती है।
आवर्ती गति के कुछ महत्वपूर्ण गुण हैं:
- आवृत्ति: यह प्रति सेकंड गति के दोलनों की संख्या है। इसे हर्ट्ज (Hz) में मापा जाता है।
- आवर्तकाल: यह वह समय अंतराल है जिसके बाद गति अपने आप को दोहराती है। इसे सेकंड (s) में मापा जाता है।
- आयाम: यह गति के चरम बिंदु और माध्य स्थिति के बीच की दूरी है।
आवर्ती गति के कुछ उदाहरण हैं:
- सरल लोलक: यह एक भार है जो एक तार से लटका होता है और एक निश्चित बिंदु के चारों ओर दोलन करता है।
- स्प्रिंग से लटका द्रव्यमान: यह एक द्रव्यमान है जो एक स्प्रिंग से लटका होता है और ऊपर और नीचे दोलन करता है।
- ध्वनि तरंगें: ये यांत्रिक तरंगें हैं जो हवा या अन्य माध्यम से ऊर्जा को ले जाती हैं।
- प्रकाश तरंगें: ये विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं जो ऊर्जा को ले जाती हैं।
आवर्ती गति भौतिकी और इंजीनियरिंग में कई अनुप्रयोगों में उपयोगी है। इसका उपयोग घड़ियों, रेडियो, टेलीविजन और अन्य उपकरणों में किया जाता है।
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